English
Download App from store
author
Ajay Amitabh Suman
लेखक परिचय अजय अमिताभ सुमन अधिवक्ता: हाई कोर्ट ऑफ़ दिल्ली मोब: 9990389539E-Mail: ajayamitabh7@gmail.comपिता का नाम:श्रीनाथ सिंह आशावादीमाता का नाम:उमा सिंह आशावादीपैतृक स्थान:दाउदपुर, सारण, बिहार-841205वर्तमान स्थान:दिल्लीदिल्ली हाई कोर्ट में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से बौद्धिक संपदा विषयक क्षेत्र में वकालत जारी। अनगिनत कानूनी संबंधी लेख कानूनी पत्रिकाओं में प्रकाशित। वकालत करने के अलावा साहित्य में रूचि रही है.अनगिनत पत्र , पत्रिकाओं में प्रकाशन।हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में समान अधिकार। प्रकाशन: रचनाकार , साहित्य कुंज , स्टोरी मिरर , हिंदी लेखक , साहित्य सुधा , मातृ भारती , साहित्य , नव भारत टाइम्स, दैनिक जागरण , अमर उजाला, आज, हिंदुस्तान, आर्यावर्त , स्टोरी विवर, प्रतिलिपि , यूथ की आवाज , साहित्य पेडिया, स्पीकिंग ट्री ,शब्द, कहानियां ,समजोद्धार, नूतन पथ, वाटपैड , स्वीक, मीडियम, हिंदी पत्रिका, कविशाला इत्यादि अख़बारों और वेब पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन।आत्म कथ्यजीवन में बहुत सारी घटनाएँ ऐसी घटती है जो मेरे ह्रदय के आंदोलित करती है. फिर चाहे ये प्रेम हो , क्रोध हो , क्लेश हो , ईर्ष्या हो, आनन्द हो , दुःख हो . सुख हो, विश्वास हो , भय हो, शंका हो , प्रसंशा हो इत्यादि, ये सारी घटनाएं यदा कदा मुझे आंतरिक रूप से उद्वेलित करती है. मै बहिर्मुखी स्वाभाव का हूँ और ज्यादातर मौकों पर अपने भावों का संप्रेषण कर हीं देता हूँ. फिर भी बहुत सारे मुद्दे या मौके ऐसे होते है जहाँ का भावो का संप्रेषण नहीं होता या यूँ कहें कि हो नहीं पाता। यहाँ पे मेरी लेखनी मेरा साथ निभाती है और मेरे ह्रदय ही बेचैनी को जमाने तक लाने में सेतु का कार्य करती है.हृदय रुष्ट है कोलाहल में,जीवन के इस हलाहल ने,जाने कितने चेहरे गढ़े ,दिखना मुश्किल वो होता हुँ।हौले कविता मैं गढ़ता हुँ।जिस पथ का राही था मैं तो,प्यास रही थी जिसकी मूझको,निज सत्य का उद्घाटन करना, मुश्किल होता मैं खोता हुँ।हौले कविता मैं गढ़ता हुँ।
user
Ajay Amitabh Suman
Who is the Boss
Husband or Wife
  13 Views
 
  1 Mins Read
 
  0

Once husband & wife , decided to toss, You are my boss or Am I your boss? Husband was certain that he was, with a grin, But little did he know, What was the spin? Wife thought over and over for that fight, Not getting solution She chose to strike. What could be effect, You can just guess, That Wife relaxing and husband in a mess. He tried to do laundry but burnt his T-Shirt, The house looked clumsy scrambled one just. Made an effort to clean But it all looks crude, Attempted in kitchen too, but burn the food, Begging or pleading in vain she wouldn't budge. He noticed her value, not need to fudge. With an empty stomach , in hunger at loss, He came to conclusion , That She was the boss. Ajay Amitabh Suman: All Rights Reserved

© All rights reserved


Did you enjoy reading this story? Even you can write such stories, build followers and earn. Click on WRITE below to start.

( )star-unfilled( )star-unfilled( )star-unfilled( )star-unfilled( )star-unfilled
Comments (0)